गरीबी में आशिक , बेमौत मारा जाएगा

दौर ए मोहब्बत कभी ख़त्म
नहीं हो पायेगा ,
बस इश्क करने का अंदाज़ बदल
जाएगा ।
नहीं महकेंगे ख़त , अब
गुलाबों की तरह ,
ख़त लिखने का चलन ही ख़त्म
हो जाएगा ।
आशिक नहीं देंगे जान , माशूक
की खातिर ,
माशूक का दिल किसी और पे आ
जाएगा ।
मोहब्बत की तराजू में दौलत का चलन
है,
गरीबी में आशिक , बेमौत मारा जाएगा

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